Subscribe Us

अम्बे द्वार पधारी (गीत)


माता अम्बे द्वार पधारी
करके शेर सवारी।
भक्त जनों की भीड़ लगी है
महिमा माँ की न्यारी।।

तेरी महिमा से चमके हैं
सूरज चाँद सितारे।
जग जननी जगदंबे माता
सबकी भाग्य सवारे।।
दसों दिशा में गूँज रहा है
तेरा ही जयकारा।
याचक बनकर भक्त पुकारे
विनती सुनो हमारी।।

लेकर खप्पर दौड़ पड़ो माँ
सारे असुर संहारों।
मुंडो की माला पहनो फिर
हर लो कष्ट हमारो।।
आए हैं जो द्वार तुम्हारे
भर दो उनकी झोली।
हर संकट से मात भवानी
तू ही जग को तारी।।

लगी उफनने लहू की नदियाँ
दया करो हे माता।
मचा है कोहराम जगत में
राह दिखाओ माता।।
तेरी कृपा से महकेगी
अम्बे जग फुलवारी।
देना यही आशीष माता
बुद्धि बने परिचारी।।

-मीरा सिंह 'मीरा' डुमरांव, जिला-बक्सर, बिहार

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ