मगर चलता तू जा राही...
यह सच है आएगी मंजिल,
जो बरसों थी तूने चाही...
धूप और छांव, सुख और दुख,
तो नियत है, परीक्षा है...
न हिम्मत हार, ना घबरा,
चले चलता तू जा राही...
है मंजिल आएगी तेरी,
जो बरसों थी तूने चाही ।
नागदा जिला उज्जैन (मप्र)
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