✍️रश्मि वत्स
हे
लक्ष्मी पति
मेरी लाज प्रभु
है तिहारे
हाथः
मेरे
बिगड़े काज
संवारो हे परमात्मा
पडूँ तुम्हारे
पांव।
शीश
सदैव कृपा
रखना करूँ विनती
हे ईश्वर
पूतात्माः
तेरी
भक्ति में
प्राण तज दूँ
नारायण यही
इच्छा।
*मेरठ (उत्तर प्रदेश)
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