✍️डॉ गोपालकृष्ण भट्ट आकुल
हिंदी ने हमको इतिहास बताया है.
जिसने हम को यह संज्ञान कराया है.
हम हैं हिन्दुस्तानी हिन्दी भाषा का,
हो समग्र उत्थान संकल्प उठाया है.
हिंदी ने ही हिंदुस्तान बनाया है.
हिन्दी है रससिद्ध सकल गुणनिधान है.
यह सुबोध है इसका रचना विधान है.
देवनागरी यह संस्कृतकुलवल्लभा,
वैज्ञानिकता लिए है’ रसना प्रधान है.
हो कटिबद्ध समर्पित हिन्दी को जन-जन
हिंदी ने दे कर बलिदान सजाया है.
हम हैं हिन्दुस्तानी हिन्दी भाषा का,
हो समग्र उत्थान संकल्प उठाया है.
हिंदी ने ही हिंदुस्तान बनाया है.
एक सूत्र है यह साहित्य व संस्कृति का.
एक सेतु है यह भाषा की संसृति का.
हिंदी-हिंदू-हिंदुस्तान यही है सत्य,
है उद्देश्य यही संकल्पित सम्प्रति का.
कुछ कर गुजरें हों सन्नद्ध लें’ शपथ सभी,
हिंदी ने हमको यह ज्ञान कराया है.
हम हैं हिन्दुस्तानी हिन्दी भाषा का,
हो समग्र उत्थान संकल्प उठाया है.
हिंदी ने ही हिंदुस्तान बनाया है.
अब हो हर द्विविधा का 'आकुल' पटाक्षेप
इस पर कोई, कभी न कहीं लगे आक्षेप,
मानवता, साहित्य, संस्कृति की पोषक,
विकसित हो बंधुत्व, सचेतक हो प्रत्येक.
हिंदी अब सर्वतोमुखी सम्बद्ध रहे
दशों दिशाओं में यह गान गुँजाया है.
हम हैं हिन्दुस्तानी हिन्दी भाषा का
हो समग्र उत्थान संकल्प उठाया है.
हिंदी ने ही हिंदुस्तान बनाया है.
*कोटा(राज)
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