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बेटियां



✍️प्रो. रवि नगाइच
घरों की आन बान होती है बेटियां,
खुशबू भरा जहान होती है बेटियां।


परिवार का सम्मान होती हैं बेटियां,
माता पिता की जान होती है बेटियां।


बहना, कभी पत्नी, कभी मां, या बुआ,भाभी,
एक पूरा खानदान होती हैं बेटियां।


कमला, कभी ज्वाला कभी लक्ष्मी, कभी दुर्गा,
कभी गीता या कुरान होती हैं बेटियां।


होती है त्याग और समर्पण की ये मूरत, 
ममता का प्रतिमान होती है बेटियां।


उस घर को भी करतीं है खुशबू से सराबोर 
जिस घर से तो अनजान होती है है बेटियां


किरदार में सच्चाई की ऊंचाइयाँ लिए,
इक पूरा आसमान  होती हैं बेटियां।


उनने बुलंदियों को छुआ है हर इक जगह, 
सपनों की एक उड़ान होती हैं बेटियां।


लिपटा हुआ तिरंगे में आता है सजन जब,
तब  जानिए कुर्बान  होती है बेटियां।



*उज्जैन


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