✍️भावना गौड़
बलिदान भगत सिंह,राजगुरु ,सुखदेव
स्वर्ण अक्षरों में सुसज्जित नाम भारत के वीर सपूतों का
दिल से निकलेगी ना मरकर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आयेगी
प्रचलित पंक्ति आज भी याद है जब भगतसिंह जी ने बोली थी
स्वतंत्रता दिवस पर इन वीरों स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है
बलिदान यू व्यर्थ नहीं जाता
आज हम भारत भूमि में जो खुली हवा में सांस ले रहे है
वीरों के बलिदान की वजह से ले रहे है
हम क्या कर सकते हैं इस भारत भूमि के लिए,
स्वार्थ में अंधे होकर अपनों को मार काट रहे हैं
देशभक्ति और देशप्रेम की गाथा जिसने गायी
मातृभूमि पर सर्वस्व लुटाकर प्राणों का बलिदान दिया।
हँसते हँसते इंकलाब जिंदाबाद कहते हुए फाँसी के फंदे को चूम लिया ।।
ऐसे वीर सपूतों को मैं हृदय से बारम्बार नमन करती हूँ
स्वतंत्र दिवस पर भारतभूमि गर्व करती है
मातृभूमि की पावन धरती आज भी गद गद सीना फैला कर स्वागत करती ।
ये वीर सपूतों की धरती है जिनके लहू की महक आज भी महका करती ।।
ये कर्मभूमि पावन की धरती सदैव गर्व करते है।
भारतभूमि है बलिदानों की खूब गर्व किया करते हैं ।।
बलिदान है वीर सपूतों का देश यूँही स्वतंत्र नहीं हुआ।
वतन के इन वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान किया ।।
मन हृदय श्रंद्धाजलि और प्रणाम सदैव करूंगी
स्वतंत्र दिवस पर इन वीरों की कुर्बानी कभी ना भूलूँगी।।
*ग्रेटर नोएडा(उत्तर प्रदेश)
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