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माखन के चोर



✍️रूपेश कुमार

 

माखन के चोर ,

गोपियों की नैनो के मोर,

तूने कैसा खेल किया ,

दुनिया सारी तुम्हारे है ओर ,

 

मीरा तुम्हारी दीवानी ,

राधा तुम्हारी दीवानी ,

दुनिया तुम्हारे दीवाने ,

तेरे हाथों युग बना घनगोर,

 

कहीं जन्मा तू ,

कहीं पला तू ,

कहीं खेला तू ,

कहीं रहा तू ,

 

तेरे रूप अनेक ,

तेरे रंग अनेक ,

किसी के दिल में तू ,

किसी के सांसो में तू ,

 

तू दुनिया के पालन हारी,

तू दुनिया के सबके दुलारे ,

तू है तो दुनिया है ,

तू है तो हम है !

 

 


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