Subscribe Us

खेतों  में हरियाली आये



✍️हमीद कानपुरी

 

खेतों  में   हरियाली  आये।

भारत में  खुशहाली  आये।

 

दहकां मन तब हर्षित होता,

जब   गेहूँ   में  बाली  आये।

 

तनमनजान फिदा है उसपर,

ओढ़ रिदा जो  काली  आये।

 

नजराने  की  चाह  बहुत थी,

हाथ  मगर  वो  खाली आये।

 

सच्चा   लीडर   पाना  चाहा,

लीडर  लेकिन  जाली  आये।

 

हालत  उपवन  की खस्ता है,

अच्छा   कोई    माली  आये।

 

*कानपुर

 


अपने विचार/रचना आप भी हमें मेल कर सकते है- shabdpravah.ujjain@gmail.com पर।


साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल  शाश्वत सृजन पर देखेhttp://shashwatsrijan.com


यूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ