✍️अशोक 'आनन'
जय गणेश ! जय गणेश !! जय गणेश देवा !!!
जनता सारी भूख़ी मरे ; गधे खाएं मेवा ।
कुर्सी के खेल में ;
अंधे हुए नेता ।
वादों की नाव को ;
कोई नहीं खेता ।
माॅंझी के बदले ; हुए ज़ान लेवा ।
जय गणेश ! जय गणेश !! जय गणेश देवा !!!
एक नहीं , दो नहीं ;
सब भ्रष्टाचारी !
ज़ुल्म इनके सह रही ;
जनता बेचारी ।
ग़रीबों के ख़ून से ; ये करें कलेवा ।
जय गणेश ! जय गणेश !! जय गणेश देवा !!!
प्यासों को लोटा देत ;
भूख़ों को थाली ।
चमचों को मौका देत ;
औरों को गाली ।
चुनावों के वक़्त पर ; ये करें देश सेवा ।
जय गणेश ! जय गणेश !! जय गणेश देवा !!!
*मक्सी,जिला - शाजापुर ( म.प्र.)
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