Subscribe Us

दया करो प्रभु



✍️रश्मि वत्स


हे प्रभु विनती करूं ये बारम्बार।
दया करो छोड़ ,कर अपना क्रोध अपार।
गलती बहुत की हैं हम सभी ने ,
संम्भाल लो प्रभु ऐ डूबती पतवार ।

तुम्हीं हो इस जग के खेवन हार।
तुम्हारे बस में सब संसार।
इस विपदा को दूर करो अब,
क्षमा करो प्रभु अबकी बार ।
*मेरठ(उत्तर प्रदेश)


अपने विचार/रचना आप भी हमें मेल कर सकते है- shabdpravah.ujjain@gmail.com पर।


साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल  शाश्वत सृजन पर देखेhttp://shashwatsrijan.com


यूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ