✍️राम गोपाल राही
ब्रह्म कहें या ईश्वर उनको ,
सचमुच में ही राम है |
अवतारों में सबसे बड़कर,
समझे जाते राम है ||
भजते जिनको देव मुनि गण ,
वह प्राणों में बसते हैं |
प्राणी मात्र के वही सहारे ,
सब की रक्षा करते हैं ||
दो अक्षर का नाम सहारा ,
बनते सारे काम हैं |
अवतारों में सबसे बड़कर
समझे जाते राम हैं ||
जड़ चेतन में राम समाए ,
कण-कण में प्रतिबिंबित है |
सृष्टि सारी उनकी माया ,
जग उन पर अवलंबित है ||
राम सभी के सभी राम के ,
मन को भाते राम हैं |
अवतारों में सबसे बड़कर ,
समझे जाते राम हैं ||
उन्हें निहारें सब पुकारें ,
सबके वही सहारे हैं |
पूजा उनकी करें आरती ,
सबके प्रिय हमारे हैं ||
हृदय प्रफुल्लित हो जाता ,
सुखद सुहाते राम हैं |
अवतारों में सबसे बड़कर ,
समझे जाते राम हैं ||
जो राम को भजे पुकारे ,
वही राम के होते हैं |
दत्त चित हो राम भजे तो ,
राम के दर्शन होते हैं ||
शुद्ध हृदय अंतर में खुद
चल कर आते राम हैं |
अवतारों में सबसे बड़कर ,
समझे जाते राम हैं ||
धर्म सनातन मानवता ही ,
सचमुच प्यारा राम को |
शुध्द भावना , परे स्वार्थ से ,
कर्म सुहाता राम को ||
राम सत्य है सत्य राम हैं ,
वचन निभाते राम हैं |
अवतारों में सबसे बड़कर ,
समझे जाते राम हैं ||
वह जगदीश्वर व परमेश्वर ,
विश्व विधाता राम है |
हम सब हैं संतान उन्हीं की ,
पिता जगत के राम हैं ||
बने सहारे ,निर्बल के बल ,
बन कर आते राम हैं |
अवतारों में सबसे बड़कर ,
समझे जाते राम हैं ||
जल थल नभ में उन्हें निहारो ,
अंतरिक्ष में राम हैं |
सूर्य उर्जा चंद्र ज्योति में ,
जग चमकाते राम है ||
सृष्ठी छवि अलौकिक प्यारी ,
सचमुच में अभिराम हैं |
अवतारों में सबसे बड़कर ,
समझे जाते राम हैं ||
प्रकृति छवि निराली अनुपम
सच नैनाभिराम सी |
वन पहाड़ सागर व नदियाँ,
प्रति छाया सी राम की ||
वह नारा नारायण जिनके
अवतारी श्रीराम हैं |
अवतारों में सबसे बड़कर ,
समझे जाते राम हैं ||
वह ब्रह्म ब्रह्मांड के अंदर,,
वह दर्शन की कड़ियों में |
वही चेतना वही योग में ,
वह जीवन की लड़ियों में ||
दिव्य भव्य परमपुरूष वो ,
सभी चाहते राम है |
अवतारों में सबसे बड़कर ,
समझे जाते राम हैं ||
इच्छाशक्ति दृष्टि राम सी
जब मन में हो जाती है |
जब होवें तल्लीन राम में ,
छवि राम मन आती है||
श्वास श्वास में राम रमे
प्राण प्राण में राम हैं |
अवतारों में सबसे बड़कर
समझे जाते राम हैं ||
पो.लाखेरी,जिला बूँदी (राज)
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