फतेपुर। जाने माने कवि-साहित्यकार तथा सम्पादक डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर' को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की पत्रिका "जन स्वास्थ्य धारणा" के परामर्श मंडल में सम्मिलित किया गया है। संस्थान द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि आपका हिन्दी भाषा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित स्थान है एवं आप निरन्तर हिन्दी की सेवा में संलग्न हैं। निश्चय ही आपके मार्गदर्शन से संस्थान की पत्रिका का स्वरूप उत्तरोत्तर विकसित होगा।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के ग्राम जमेनी में जन्में डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर' का समकालीन साहित्यिक जगत में सम्मानित स्थान है। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी और सम्पादित की हैं। हाल ही में प्रकाशित उनका दोहा-संग्रह 'कब टूटेंगी चुप्पियाँ' चर्चा में है। पद्य और गद्य की अनेक विधाओं में हिन्दी और अंग्रेजी में निरन्तर साहित्य सृजन कर रहे शैलेष जी की कविताओं का अब तक अनेक यूरोपीय एवं एशियाई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उनकी कविताओं और लघुकथाओं का प्रकाशन और प्रसारण दुनिया के अनेक हिस्सों से हुआ है। उनका साहित्यिक अवदान बहुआयामी है। उनका साहित्य मानवीय संवेदनाओं, सामाजिक चेतना और जीवन के गहरे अनुभवों को अभिव्यक्त करता है।
इस अवसर पर उन्हें देश-विदेश से बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ प्राप्त हुई हैं। अल्बानिया से सम्पादक एंजेला कोस्टा, फ्रांस से लेखिका ब्लेरिना पेलुम्बी, इजराइल से कवयित्री इरीस कलीफ, सर्बिया से अनुवादक प्रो. लिलाना समार्डज़िक, इटली से उपन्यासकार मारिया टेरेसा लुइजो, अर्जेन्टीना से कवयित्री प्रो. इस्टीला वास्को, बांग्लादेश से कहानीकार तस्नीम हुसैन आदि समेत भारत से अनेक प्रतिष्ठित और चर्चित कवि, लेखकों तथा सम्पादकों ने अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं, जिनमें डॉ. परमेश्वर गोयल, डॉ. मिथिलेश दीक्षित, रघुविन्द्र यादव, दिनेश शुक्ल, चक्रधर शुक्ल, प्रो. प्रेमस्वरूप त्रिपाठी, डॉ. आशा पाण्डेय ओझा, हरभजन सिंह मेहरोत्रा, रमेश भद्रावले, अशोक आनन, संदीप सृजन, डॉ. भावना तिवारी, गरिमा सक्सेना, संदीप सरस, विनोद सागर, कार्तिकेय शुक्ल, प्रो. विनीत मोहन औदिच्य, अनिमा दास, चन्द्रेश कुमार छतलानी, डॉ. मेनका त्रिपाठी, मधुसूदन दीक्षित, महेश चन्द्र त्रिपाठी, शिवशरण बन्धु, प्रगति गुप्ता, राजेश्री सेनापति गोगोई, प्रवीण श्रीवास्तव प्रसून, इन्दिरा किसलय, देवीचरण कश्यप अक्स, डॉ. पीयूष पूतू आदि अनेक सम्मानित नाम हैं।
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