✍️बलजीत सिंह
कतरा-कतरा बहा खून का,
छलका नहीं आंखों से पानी ।
आजादी की जंग में जीते ,
हमारे देश के वीर-बलिदानी । ।
गुलामी का डर जिसने देखा ,
बदली नहीं उसकी जीवन-रेखा ।
क्या देश क्या इंसान ,
हमेशा ताकतवरों ने दिखाई शान ।
क्रांति की आवाज उठी तो ,
बदली अपने आप कहानी ।।
आजादी की जंग में जीते ,
हमारे देश के वीर-बलिदानी । ।
नज़र उठाकर की जिसने बात ,
लगी उसके सीने पर लात ।
जुबां खोलने का चखा मजा ,
काले पानी की मिली सजा ।
लाठियां बरसी गोलियां खाई ,
अंग-अंग पर बनी निशानी ।।
आजादी की जंग जीते ,
हमारे देश के वीर-बलिदानी । ।
पिंजरा पंछी पर करे गर्व ,
पंछी चाहे आजादी का पर्व ।
अंधेरों का दर्द वही जाने ,
देखें जिसने तहखाने ।
मत सहो वतन के लोगों ,
किसी दुश्मन की मनमानी ।।
आजादी की जंग में जीते ,
हमारे देश के वीर-बलिदानी । ।
कतरा-कतरा बहा खून का,
छलका नहीं आंखों से पानी ।
आजादी की जंग में जीते ,
हमारे देश के वीर-बलिदानी । ।
ग्राम / पोस्ट - राजपुरा ( सिसाय )
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