Subscribe Us

विश्व मैत्री मंच द्वारा  ऑनलाइन ऑडियो लघुकथा गोष्ठी का आयोजन



विश्व मैत्री मंच द्वारा 10 जुलाई दिन शुक्रवार अपराह्न 3:00 बजे से संध्या 6:00 बजे तक ऑनलाइन ऑडियो लघुकथा गोष्ठी का (विषय- शरणार्थी) आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता  सुप्रसिद्ध कवयित्री - अनुवादक  मीता दास ने की। उन्होंने  लघुकथा विधा को एक सजग तथा महत्वपूर्ण विधा के रूप में बताया तथा बांग्ला लेखक बनफूल की लघुकथाओं का ज़िक्र करते हुए सदाअत हसन मंटो तथा खलील जिब्रान की लघुकथाओं का उल्लेख किया। 
मुख्य अतिथि मुंबई से सुप्रसिद्ध पत्रकार  अमर त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि लघुकथा पत्र-पत्रिकाओं में केवल स्थान पूर्ति  के लिए  जगह पाती हैं ।उनके लिए अलग से कोई कॉलम आदि नहीं होते। जबकि होने चाहिए। पत्र-पत्रिकाओं में लघुकथाओं के लिए विशेष स्थान की ओर उन्होंने ध्यानाकर्षण करवाया। सारस्वत अतिथि साधना वैद्य ने ऑनलाइन गोष्ठियों को सार्थक बताया, कि कोरोना काल के बाद भी इस तरह की गोष्ठियाँ अधिक सार्थक होंगी। आयोजन में लगभग तीस लघुकथाकारों ने अपनी लघुकथा सुनाई।
गोष्ठी का आभार प्रदर्शन रानी मोटवानी जी ने किया तथा संचालन रूपेंद्र राज तिवारी ने किया। संतोष श्रीवास्तव, कविता वर्मा,अनिता मंदिलवार सपना,पूर्ति वैभव खरे,नीलिमा मिश्रि,संतोष झांझी,मनोज देशमुख,अनुपमा झा,सुषमा व्यास 'राजनिधि',मधु सक्सेना,निधि मद्धेशिया,डाॅ मंजुला पाण्डेय,अर्चना पांडेय,लता तेजेश्वर रेणुका,उमा झा, जयश्री शर्मा जी,महिमा श्रीवास्तव वर्मा,डाॅसुषमा सिंह,मधुलिका सक्सेना,शशि मिश्रा, करुणा सक्सेना, रेखा कक्कड़, डा.साधना तोमर,विद्या सिंह ने लघुकथा सुनाईं। गोष्ठी का शुभारंभ विश्व मैत्री मंच की संयोजिका संतोष श्रीवास्तव के स्वागत भाषण तथा दीप प्रज्वलन से हुआ सरस्वती वंदना डॉ० क्षमा पाण्डेय जी ने प्रस्तुत की। गोष्ठी में भोपाल, आगरा,रायपुर, झांसी ,भिलाई, मुंबई,जगदलपुर, दिल्ली, हल्द्वानी, इंदौर आदि शहरों से लघुकथाकारों की उपस्थिति रही।अमेरिका तथा लन्दन से प्रवासी लेखक प्रतिभागी रहे।


अपने विचार/रचना आप भी हमें मेल कर सकते है- shabdpravah.ujjain@gmail.com पर।


साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल  शाश्वत सृजन पर देखेhttp://shashwatsrijan.com


यूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ