✍️भानु प्रताप मौर्य 'अंश'
तुम्हारे दिल के राज सारे
हमारे दिल में छुपे हुये हैं।
नयन मिले हैं नयन से पहले
ये अब नयन क्यों झुके हुये हैं।।
तुम्हें जो कहना है वो कहो तुम
कब तक यू चुप खडे़ रहोगे।
हमारे मन में है जो कहें या
तुम्हारे मन में है वो कहोगे।।
है तेज धड़कन हमारे दिल की
नयन ये जब से झुके हुये है।
तुम्हारे दिल की................।।
हुयी मोहब्बत है मुझको तुमसे
ये जानती हूँ की मानते हो।
हमारे दिल की सारी बातें
मैं मानती हूँ की जानते हो।।
दिल कह रहा है करीब आओ
ये बाहें कब से बुला रही हैं।
हो सामने तुम न जाने फिर क्यों
ये ख्वाब आँखे दिखा रही हैं।।
बसी है सूरत तुम्हारी दिल में
नयन ये जब से झुके हुये हैं।
तुम्हारे दिल के राज सारे
हमारे दिल में छुपे हुये हैं।।
*जमोलिया , निन्दूरा ,बाराबंकी
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