✍️हमीद कानपुरी
पेड़ हर मोड़ पर इक लगा दीजिए।
कुछ धरा का प्रदूषण घटा दीजिये।
और कुछ खूबसूरत बना दीजिए।
नफरतों को वतन से हटा दीजिए।
बस चुके हैं नगर नफरतों के बहुत,
प्यार के अब नगर कुछ बसा दीजिए।
अन्नदाता हमारे हैं मुफलिस बहुत,
अब किसानों को पूरा नफा दीजिए।
ज़ह्न से एक पल को न जाये ख़ुदा,
इस तरह का कोई अब नशा दीजिए।
कब्र गहरी कहीं इक बड़ी खोदकर,
नफरतों को उसी में दबा दीजिये।
*कानपुर
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