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नमन चंद्रशेखर



✍️व्यग्र पाण्डे

दैदिप्य चेहरा

मूँछों पर ताव 

कांधे जनेऊ 

रोवीले भाव

कहने में कम

करने में विश्वास 

पिस्टल की भाषा 

आती थी रास

आजाद हूँ मैं 

शत्रु को जताया

जब तक रहे 

प्रण को निभाया 

नमन चंद्रशेखर

वंदन चंद्रशेखर

ॠणी देश सारा

स्मरण चंद्रशेखर ।      

*गंगापुर सिटी,(राज.)

 


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