*सुखवीर चौधरी
मेरे मालिक मेरे दाता मेरे भगवान चाचा जी,
मेरा हर गम मेरे आँसू मेरी मुस्कान चाचा जी ।
मेरी हस्ती मेरी पहिचान सब उनकी बदौलत है ,
करूँगा आपका हर दम ही में सम्मान चाचा जी ।
हमेशा आप को चाहा हमेशा आप को पूजा ,
मेरे सपने मेरी दुनिया मेरे अरमान चाचा जी ।
उठा कर के जमीं से आसमाँ तक ला दिया मुझ को ,
मेरी गीता व रामायण का सारा ज्ञान चाचा जी ।
रहा हूँ आप की परछाई बन कर के जमाने में ,
मेरी दौलत मेरी इज्ज़त मेरा ईमान चाचा जी ।
**मथुरा (उत्तर प्रदेश )
अपने विचार/रचना आप भी हमें मेल कर सकते है- shabdpravah.ujjain@gmail.com पर।
साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल शाश्वत सृजन पर देखे- http://shashwatsrijan.com
यूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw
0 टिप्पणियाँ