*कैलाश सोनी सार्थक
चंद लम्हें खुशगवारी के रखो
काम थोड़े जिम्मेदारी के रखो
लोग तेरे बारे में पूछे सदा
कर्ज थोड़े तुम उधारी के रखो
नादानों को पूछता कोई नहीं
कुछ हुनर तुम होशियारी के रखो
सोच कर आगे बढ़ाना हर कदम
भाव थोड़े थानेदारी के रखो
चाहतें हर और से तुम पाओगे
पल कभी कुछ ताबेदारी के रखो
लड़ना पड़ता है यहाँ पर हर कदम
पल हमेशा कुछ तैयारी के रखो
सुनले तो सोनी नसीहत काम की
भाव थोड़े आज्ञाकारी के रखो
*नागदा जिला उज्जैन
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