*अतुल पाठक
मुश्किलें तमाम हों पर
छोड़ता नहीं आस है
मेहनत का तज़ुर्बा रखता
संग राही के दृढ़विश्वास है
राही न माने हार कभी
साथ चलतीं उम्मीदों की धार सभी
सरिता की गति न रुकती है
चाहे आएं पथ में कई चट्टान
नायाब मंज़िल तब मिलती है
जब भरता राही हौंसलों की उड़ान
*जनपद हाथरस(उ.प्र)
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