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पाप करने को अँधेरा चाहिए



*हमीद कानपुरी

पाप  करने    को  अँधेरा   चाहिए।

यूँ  नहीं  उस  को उजाला  चाहिए।

 

हो  करोना  काल या हो वक्त और,

सब को रोटी  का निवाला चाहिए।

 

बात पूरी सुनके करना था रियेक्ट,

इस तरह आपा न ‌खोना  चाहिए।

 

फिरग़रीबी सेकियाक्यूँ कर विवाह,

जब सुनहरी उसको माला चाहिए।

 

राह पर चलते नहीं हैं खुद ब खुद,

और कहते  हैं कि  रस्ता  चाहिए।

 

*अब्दुल हमीद इदरीसी,बिरहाना रोड, कानपुर

 


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