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खूबसीरत  से तुम बना  रखना



*हमीद कानपुरी


खूबसीरत  से तुम बना  रखना।

आदमी  साथ में  भला  रखना।

 

याद  वादे   ज़रा  ज़रा   रखना।

हाथ खाली न झुनझना रखना।

 

भूलना   राह   मत  भलाई   की,

ज़ह्न में सबका तुम भला रखना।

 

जब खुदा कुछ तुम्हे नवाज़े तो,

फिर बड़ा  खूब दायरा  रखना।

 

दूसरों को   बुरा  न कहना तुम,

सामने  अपने  आइना  रखना।

 

राह  चुनना   सदा  भलाई  की,

हर  बुऱाई  से फासला  रखना।

 

पहली फुर्सत में आ रहा  हूँ मैं,

गीत प्यारा सा गुनगुना रखना।

 

काम  करना   हमीद  फुर्ती  से,

हौसलों को  नहीं  दबा  रखना।

अब्दुल हमीद इदरीसी,कानपुर

 


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