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एहसासों की खुशबू



*अतुल पाठक

 

एहसासों की खुशबू दिल को 

कन्नौज सा महका देती है

 

हवाएं करतीं ऐसे गुनगुनाहट 

जैसे संगीत की धुन आती है

 

प्रेम की सुहानी बरखा मौसम 

दिल का आशिकाना बनाती है

 

अरमान-ए-दिल खिलते हैं जब

प्यार भरी नज़र गुफ़्तगू कर जाती है

 

ज़िन्दगी है वो खूबसूरत जो

प्यार की सूरत बनाती है

 

बहती हवा सी तेरे एहसासों की-

खुशबू, मेरे दिल में समाती है

 

तेरे हर पल पास होने का

हरदम एहसास कराती है

 

*जनपद हाथरस (उ.प्र.)

 


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