*आशीष दशोत्तर
बदलता वक्त कहता है,
बदलना सीख जाएं हम ।
सलीक़ा ज़िंदगी जीने का
फिर सबको सिखाएं हम ।
समझ लें मोड है ये ज़िंदगी का और चलना है
हमें अब नेकियों की राह पे आगे ही बढ़ना है ।
बुरे सब रास्ते छोड़ें, भली राहें बनाएं हम ।
बदलता वक्त कहता है, बदलना सीख जाएं हम।
बुरे इस दौर ने मौका दिया हमको संभलने का
संभलने का, बदलने का, जरा बच-बच के चलने का
पतन के बाद उठकर, अब संभलना सीख जाएं हम ।
बदलता वक्त कहता है, बदलना सीख जाएं हम।
नहीं मुश्किल है कोई, हम अगर जो ठान ही लेंगे
हकीक़त जानते हैं अब तो इसको मान ही लेंगे
जरा बचकर मुसीबत से, ज़माने को बचाएं हम।
बदलता वक्त कहता है, बदलना सीख जाएं हम।
हमारा आचरण बदलें, हमारा आवरण बदलें
हमारी ज़िंदगी का हम ही आओ व्याकरण बदलें
ग़मों के बीच भी आशीष, थोड़ा मुस्कुराएं हम।
बदलता वक्त कहता है बदलना सीख जाएं हम।
*आशीष दशोत्तर,रतलाम
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