पुलिस अधिकारी स्व. यशवंत पाल जी को श्रद्धांजलि
सुबह सुबह ये सुना कि यशवंत नही रहा
निशा के पिता मीना का दुष्यंत नही रहा
पुलिस का एक कर्तव्यनिष्ठ संत नही रहा
सबकी सेवा को तत्पर दयावन्त नही रहा
दुख-सुख में साथ निभाएं वो पंत नही रहा
मानवताके मंदिर का सच्चा महंत नही रहा
जो दूसरों के लिए लड़ता रहा मृत्युपर्यंत
बताओ उसका कैसे हो सकता है अंत
फाल्गुनीऔरनिशा दो दो बेटियां प्यारी है
मीना जैसी पत्नी आज बड़ी दुखियारी है
उसने कर्तव्य निभाया अब हमारी बारी है
उनकी देखभाल समाज की जवाबदारी है
उसको सच्ची श्रद्धांजलि यही हमारी है
उसका परिवार हम सबकी जिम्मेदारी है
उसकी ख्याति गूंजेगी पथिक दिक दिगंत
वो अजर है ,अमर है , रहेगा सदा बेअंत
*प्रेम पथिक , उज्जैन (उज्जैन)
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