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इंसा ही इंसा का दुश्मन



 

*विभोर अग्रवाल*

 

आज इंसा इंसानियत का दुश्मन बन गया

पीकर लहू अपनो का 

मानवता का धर्म भूल गया

 

दर्जा जिसे दूसरे खुदा का 

आज उस खुदा पर ही वार किया

क्या वो आज 

कुरान की इबादते ही भूल गया

 

बिखलता होगा खुदा भी खुद

देखकर अपनी अत्फ़ाल का ये कारनामा 

पर वो भी करता क्या

आज इंसा ही हो गया 

इंसा के खून का प्यासा

 

कैसे बयां करे विभोर 

अपनी दर्द-ए-दास्तान को

बस कहेगा इतना ही 

मत समझ इंसा तू 

खुदा खुद को 

खुदा खुद को...

 

*विभोर अग्रवाल*

धामपुर

जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश 

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