*जितेंद्र कुमार
मन का अंधकार मिटाने को,
खुद की तस्वीर दिखाने को,
दियें जलाऊंगा मैं भी,
भारत का मान बढ़ाने को।।
जहाँ देश धर्म से ऊंचा है,
जहाँ मानवता ही पूजा है।
जहाँ हर भारतवासी तैयार है,
मिलकर साथ निभाने को।।
दियें जलाऊंगा.............
जब दुनिया पर संकट छाया है।
जब प्रश्न सभी पर आया है,
तब तुम भी प्यारे आओं
अपना फर्ज निभाने को।
दियें जलाऊंगा...........
ईश्वर की तरह जो निभा रहें, कर्तव्य
मेरे चिकित्सक साथी अपनी जान पर,
सरा सुरक्षा बल भी है खड़ा
देश की शान बढ़ाने को।
दियें जलाऊंगा...........
तुम भी निकलों, खुलकर बोलों
चलों अवसर स्वर्णिम बनाने को
खुद की तस्वीर दिखाने को
दियें जलाऊंगा मैं भी,
भारत का मान बढाने को।।
*जितेंद्र कुमार ,जैतरा धामपुर
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