*रामगोपाल राही
अद्भुत और अनोखे नृत्य ,
सचमुच अपने देश में |
कैसे-कैसे नित्य कब से ,
होते अपने देश में ||
पुराणों में नृत्य कला सच ,
प्रभु प्राप्ति साधन था |
प्रभु चरणों में हो समर्पित ,
सच भक्ति आराधन था ||
सार्वभौमिक कला नृत्य है ,
मानवीय अभिव्यक्ति भी |
तारतम्य नृत्य के संग में ,
हो भावा अभिव्यक्ति भी ||
इंद्र के सम्मुख अप्सराएँ ,
नृत्य किया करती थी |
तन मन न्योछावर नृत्य में
कर जिया करती थी ||
नृत्य कला के सब थे प्रेमी ,
देवी देवता मानव सब |
पशु पक्षी भी नृत्य करते ,
नृत्य प्रशंसक दानव सब ||
ईश्वर भी नहीं रहे अछूते ,
सच नृत्य करने से ,|
नृत्य साधन बना तभी से,,
दुष्ट दमन करने में |
मोहिनी रूप धरा विष्णु ने ,
लास्य नृत्य किया था |
तीन लोक को इस नृत्य से ,
राक्षस मुक्त किया था ||
शिव संकट पर फिर विष्णु ने ,
मोहक नृत्य किया था |
आकृष्ट कर के भस्मासुर को ,
वध तत्काल किया था ||
ताण्डव से नटराज हुए शिव ,
नटवर कृष्ण कन्हैया |
ग्वाल बाल गोपियों संग में ,
नाचे कृष्ण कन्हैया ||
नृत्य है प्राचीन धरोहर ,
सचमुच ही भारत में
नृत्य देख सब झूमा करते ,
कला अनूठी भारत में ||
कहाँ कहाँ पर शास्त्रीय नृत्य ,
होते हैं भारत में |
मन मोहते अद्भुत होते ,
नृत्य सच भारत में ||
भरतनाट्यम अनुपम सुंदर ,
जिसकी अपनी ख्याति |
तमिलनाडु में इसकी शोभा ,
अद्भुत समझी जाती ||
कथकली व मोहिनीअट्टम ,
पसंद सभी को आते |
दोनों नृत्य अनोखे अनुपम ,
केरल के मन भाते ||
ओडिसी उड़ीसा नृत्य की
बात अनोखी न्यारी |
उड़ीसा पहचान देश में ,
नृत्य यह मनोहारी ||
कुचीपुड़ी नृत्य आंध्र का ,
समझो बहुत सुहाता |
नृत्य का आगाज अनोखा ,
सबके मन को भाता ||
मणिपुरी मणिपुर का नृत्य ,
देश जानता सारा |
मणिपुर - पहचान बताता ,
नृत्य अनोखा प्यारा ||
कत्थक नृत्य उत्तर भारत ,
का है अलग नजारा |
ठौर ठौर कत्थक नृत्य का ,
हो प्रशिक्षण प्यारा ||
सस्त्रया नृत्य असम राज्य का ,
श्रेष्ठ नृत्य कहलाता |
नृत्य कला का मर्म रहस्य ,
यह नृत्य समझाता ||
*रामगोपाल राही,लाखेरी,जिला बूँदी (राज)
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