चेन्नई। अंतरराष्ट्रीय प्राकृत अध्ययन व शोध केन्द्र के निदेशक डॉ. दिलीप धींग का नाम विश्व कीर्तिमानों की चार पुस्तकों में दर्ज हुआ है। डॉ. धींग के व्यक्तित्व और कृतित्व पर सबसे लम्बी हस्तलिखित कविता के लिए उन्हें यह गौरव मिला है। मुंबई की कवयित्री अणुव्रतसेवी डॉ. ललिता बी. जोगड़ ने डॉ. धींग पर 1311 पंक्तियों की कविता लिखी।
इस कविता पर पिछले वर्ष उनका नाम विश्व कीर्तिमानों की स्वर्ण पुस्तक में दर्ज हुआ था। इसी कविता पर इस वर्ष उनका नाम असिस्ट विश्व कीर्तिमान, बंगाल विश्व कीर्तिमान एवं असम विश्व कीर्तिमान की पुस्तकों में भी दर्ज हुआ है। इनके मुख्यालय पुदुचेरी, कोलकाता और तिनसुकिया से डॉ. धींग को प्रमाणपत्र भेजे गए हैं एवं इनकी वेबसाइट पर यह कीर्तिमान दर्शाया गया है। प्रतिष्ठान के अध्यक्ष शांतिलाल कोठारी ने कहा कि डॉ. धींग जैनविद्या विषयक पत्र-पत्रिकाओं में सर्वाधिक प्रकाशित होने वाले बहुपठित साहित्यकार हैं।
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