*राजेन्द्र निगम "राज"
आज के शुभ दिन एक दिया हम और जलाएंगे
भारत माता के गौरव की गाथा गाएंगे........
वीर भगत सिंह सावरकर की अमर कहानी को
मंगल पांडे, बिस्मिल की जांबाज़ जवानी को
कैसे भूलेंगे बापू को, अशफ़ाक़ उल्ला को
चन्द्र शेखर आज़ाद ,लक्ष्मी बाई दीवानी को
इनके किस्सों को मिल कर फिर से दोहराएंगे....
नादानी में जिसने अपनी माँ का दिल तोड़ा
और दहशतों के आकाओं से नाता जोड़ा
भूल गए जो जन गण मन,जो वन्दे मातरम को
अपनी उन्नति की राहों में स्वयम बने रोड़ा
ऐसे भूले भटकों को हम राह दिखाएंगे.....
केसर की क्यारी को फिर से हरियाली देंगे
आने वाली पीढ़ी को हम खुशहाली देंगे
बेघर जिनको किया वक़्त के ज़ालिम पंजों ने
होली भी देंगे उनको फिर दीवाली देंगे
उनके वही सुनहरे दिन वापस लौटाएंगे....
अमन चैन की बारिश हो अब कहीं न दंगा हो
प्रण ले लें हम आज से मैली कभी न गंगा हो
देश प्रेम की आग जले अब हर एक सीने में
बच्चे बच्चे के हाथों में सिर्फ तिरंगा हो
एक नए भारत की हम तस्वीर बनाएंगे.....
*राजेन्द्र निगम "राज", गुरुग्राम
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