उज्जैन। कविकुलगुरु डॉ शिवमंगल सिंह सुमन स्मृति सप्तदश अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला में वक्ताओं द्वारा व्यक्त सद्भावनापूर्ण विचारों को सहेज कर "सद्भावना स्मारिका - 2019" का प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा किया गया, जिसका विमोचन पूर्व संभागायुक्त डॉ मोहन गुप्त, कस्तूरबाग्राम संस्थान इंदौर की प्राध्यापिका डॉ. कीर्ति यादव और विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा के आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर पूर्व संभागायुक्त डॉ मोहन गुप्त ने कहा कि समाज में सद्भावनापूर्ण विचारों की बहुत आवश्यकता है। सर्वधर्म समभाव हमारी संस्कृति की विशेषता है और इसी भाव को ध्यान में रखते हुए हम एक उन्नत राष्ट्र की नींव रख सकते हैं। कस्तूरबा ग्राम संस्थान इंदौर की प्राध्यापक डॉ कीर्ति यादव ने कहा कि "सद्भावना स्मारिका 2019" निश्चित रूप से समाज में सद्भावनापूर्ण वातावरण निर्मित करने की दिशा में उपयोगी साबित होगी। स्मारिका में व्यक्त विचारो को आत्मसात करना बहुत आवश्यक है। "स्मारिका 2019" की सफल समीक्षा विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक एवं हिन्दी अध्ययनशाला के अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा द्वारा की गई। स्वागत उद्बोधन संस्थाध्यक्ष श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ ने दियास्मारिका 2019 का संपादन श्री संदीप कुलश्रेष्ठ द्वारा किया गया है एवं संपादक मंडल में श्री युधिष्ठिर कुलश्रेष्ठ डॉ. गिरीश पंडया और डॉ. नीलम महाडिक सम्मिलित है।
सद्भावना व्याख्यानमाला के दौरान एक आलेख प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी जिसके विजेताओं डॉ. मेघा शर्मा, श्री सुनील गोंदिया, कु. शीतल पटेल एवं कु. प्रांशी अग्रवाल को डॉ शिवमंगल सिंह सुमन जी की सुपुत्री श्रीमती उषा चौहान द्वारा पुरस्कृत किया गया। समारोह का संचालन संस्था निदेशिका सुश्री अमृता कुलश्रेष्ठ ने किया।
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