*विजय कनौजिया*
खत्म हुआ वनवास आज
अब राम हमारे आएंगे
राजतिलक अब फिर से होगा
हम सब खुशी मनाएंगे..।।
सूनी पड़ी अयोध्या फिर से
आज पुनः खुशियों से झूमी
फिर से आज दिवाली होगी
हम सब दीप जलाएंगे..।।
राजाराम हमारे होंगे
राजमहल फिर से चमकेगा
प्रजा सभी हैं नयन बिछाए
हम सब फिर मुस्काएंगे..।।
खुशियों के आंसू आंखों में
सावन बनकर बरस रहे हैं
बेघर राम का घर फिर होगा
हम सब भवन बनाएंगे..।।
खत्म हुआ वनवास आज
अब राम हमारे आएंगे
राजतिलक अब फिर से होगा
हम सब खुशी मनाएंगे..।।
हम सब खुशी मनाएंगे..।।
खत्म हुआ वनवास आज
अब राम हमारे आएंगे
राजतिलक अब फिर से होगा
हम सब खुशी मनाएंगे..।।
सूनी पड़ी अयोध्या फिर से
आज पुनः खुशियों से झूमी
फिर से आज दिवाली होगी
हम सब दीप जलाएंगे..।।
राजाराम हमारे होंगे
राजमहल फिर से चमकेगा
प्रजा सभी हैं नयन बिछाए
हम सब फिर मुस्काएंगे..।।
खुशियों के आंसू आंखों में
सावन बनकर बरस रहे हैं
बेघर राम का घर फिर होगा
हम सब भवन बनाएंगे..।।
खत्म हुआ वनवास आज
अब राम हमारे आएंगे
राजतिलक अब फिर से होगा
हम सब खुशी मनाएंगे..।।
हम सब खुशी मनाएंगे..।।
*विजय कनौजिया
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