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अभिव्यक्ति की आजादी



*अजय कुमार द्विवेदी*

 

अफजल हम शर्मिन्दा हैं तेरे कातिल जिन्दा हैं।

जेएनयू में ये नारा लगाना अभिव्यक्ति की आजादी हैं।

भारत के वीरों की वीरगति पर जश्न मनाना।

जेएनयू में अभिव्यक्ति की आजादी हैं।

भारत तेरे टुकड़े होगें इन्सां अल्हा इन्सां अल्हा।

जेएनयू में कहना अभिव्यक्ति की आजादी हैं।

भारत मुर्दाबाद का नारा रोज सुबह और शाम लगाना।

जेएनयू में अभिव्यक्ति की आजादी हैं।

युगपुरुष स्वामी विवेकानंद जी का अपमान करना।

जेएनयू में अभिव्यक्ति की आजादी हैं। 

एक महिला पत्रकार से अभद्रता करना।

जेएनयू में अभिव्यक्ति की आजादी हैं।

इतना सब कुछ हो रहा है पर हम कुछ नहीं कहेंगे।

क्योंकि जेएनयू वालों को अभिव्यक्ति की आजादी हैं।

हम इमानदारी से टैक्स देगें और वो बैठ कर खाएंगे।

क्योंकि जेएनयू वालों को अभिव्यक्ति की आजादी हैं।

एक भूखा इन्सान चोरी करें तो मुजरिम हैं।

पर देशद्रोही बात करने वाले को अभिव्यक्ति की आजादी हैं।

मैं पड़ोसी को गाली भी दूं तो मुझे पुलिस पकड़ लेगी।

पर जेएनयू में देश को गाली देना अभिव्यक्ति की आजादी हैं।

ऐसी अभिव्यक्ति की आजादी किस काम की मोदीजी।

इन देशद्रोहियों के हाथों कब तक देश लज्जित होगा मोदीजी।

आखिर कब तक मौन रहेंगे हम।

अभी और कितना दर्द सहेंगे हम।

इनकी बिमारी का सहीं उपचार अब तुम्हें करना होगा।

जिसे भारत में रहना हैं उसको भारत की जय कहना होगा।

 

*अजय कुमार द्विवेदी

सोनिया विहार दिल्ली 

मो.07011782191 

 









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