*संजय वर्मा 'दृष्टि'*
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
लहराता है जब तिरंगा ,लगता कितना प्यारा है
*
कश्मीर से कन्याकुमारी तक,भारत को सबने संवारा है
मिली आजादी से भारत ,अब लगता कितना प्यारा है
बहती गंगा-जमुना सी नदियाँ ,यहाँ की पावन धारा है
लहराता है जब तिरंगा ,लगता कितना प्यारा है
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
*
आजाद होने के लिए सबने भारत माँ को पुकारा है
भारत माँ का वंदन करके, शहीदों ने सब को तारा है
खुली बेड़ियाँ शहीदों से, अब तो स्वतंत्रता ही सहारा है
लहराता है जब तिरंगा ,लगता कितना प्यारा है
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
*
वन्दे मातरम के नारों को ,मिलकर सबने पुकारा है
भारत के कर्णधारों को ,तब भारत माँ ने दुलारा है
"आजाद "की मातृभूमि का, भाभरा कितना प्यारा है
लहराता है जब तिरंगा ,लगता कितना प्यारा है
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
*
*संजय वर्मा 'दृष्टि'
125,शहीद भगत सिंग मार्ग
मनावर जिला -धार (म.प्र.)
शब्द प्रवाह में प्रकाशित आलेख/रचना/समाचार पर आपकी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया का स्वागत है-
अपने विचार भेजने के लिए मेल करे- shabdpravah.ujjain@gmail.com
या whatsapp करे 09406649733
0 टिप्पणियाँ