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  माँ की ममता कर सके बयाँ (कविता)







*जयशंकर पाण्डेय*


माँ की ममता कर सके बयाँ,


शब्दों  में इतनी  शक्ति कहाँ?


फिर भी उस माँ को लिखता हूँ,


जिसने दिखलाया मुझे जहाँ।


 


नि:स्वार्थ भाव की मूरत है,


धरणी  की देवी माँ  ही  है।


संतति में जिसके प्राण बसें,


वह सृष्टि सृजक इक माँ ही है।


 


इस सृजनहार की ममता में,


संतान  सुविकसित  होती है।


भारी   से   भारी  संकट  को 


माँ  की  ममता  धुल  देती  है।


 


माता निज साँचे में गढ़कर,


संतति  का  रूप  बनाती है।


फिर सुंदर सहज ज्ञान देकर,


दुनियाँ की रीति सिखाती है।


 


माँ की ममता निज संतति के,


मन भावों को पढ़ लेती है।


बिन कहे समझ सब जाती है,


माँ बिन बोले सुन लेती है।


 


माँ त्याग,समर्पण, संयम का,


हरपल शुभ शिक्षा देती है।


लेकर      ढ़ेरों     जिम्मेदारी,


माँ  घर की  नैय्या खेती है।


 


माँ के हाथों का खाद्य पेय,


सुंदरतम, मधुमय होता है।


अरु माता का आशीष सदा,


तन-मन पावन कर देता है।


 


भूखी रहती है स्वयं किंतु,


बच्चों  का भूख  मिटाती है।


यदि निलय अभावों में है तो,


माँ भूखी ही सो जाती है।


 


जब रहें दूर माँ से बच्चे,


माता का मन घबराता है।


माँ का उपवास,ध्यान,पूजन,


संकट  से सदा बचाता है।


 


बेजोड़ सृजन हो माता का,


इस कारण खुद को दहती है।


बच्चों को देकर सुख-सुविधा,


माँ  खुद  अभाव  में रहती है।


 


बच्चों का आने वाला कल,


हो सुंदर, सुखद और निर्मल।


बस इन स्वप्नों को देख-देख,


माँ निज मन को भर लेती है।


 


हम मूर्ति पूजते निशदिन पर,


निज  माँ   की पूजा भूल गए।


है सच में देवि स्वरूपा जो,


उस माँ से बच्चे दूर हुए।


 


माँ को वृद्धाश्रम ले जाकर,


माँ की ममता का मोल दिया।


जिस माँ के जीवन बच्चे हैं,


उस माँ का जीवन छीन लिया।


 


माँ फिर भी संतानों की ही,


हरपल में चिंता करती है।


माँ व्यथित हृदय के घावों को,


घर की यादों से भरती है।


 


माँ जगती की आधारशिला,


माँ ही पावन गंगाजल है।


रचनाकारों की गुरू श्रेष्ठ,


हर विपदा का  माँ ही हल है।


 


माँ हर रोगों की औषधि है,


माँ के चरणों में तीरथ है।


माँ सकल सृष्टि की संचालक,


माँ ही ईश्वर की मूरत है।


 


ऐसी मूरत को क्या गाऊँ?


क्या लिखूँ ,पढ़ूँ ?क्या समझाऊँ?


कण-कण में माँ ही दिखती है,


माँ के चरणों में बलि जाऊँ।


*जयशंकर पाण्डेय (बलरामपुर, उ०प्र०)मो. 9519926632








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