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कागजों में भारत विकसित हो चुका (लेख)







*डॉ अरविन्द जैन*

हमारा देश बहुत ही सौभाग्यशाली हैं की हमारे यहाँ हज़ारो वर्षों पूर्व जो शास्त्रों /पुराणों में लिखा जा चुका हैं उन सबकी  वर्तमान में खोज हो रही हैं वे सब पहले हो चुकी थी .आज सिर्फ उनका नया नामकरण किया जा रहा हैं .और मजेदार बात उनका नाम यदि विदेशी  भाषा में या विदेशियों के द्वारा किया जाता हैं तो और महत्व बढ़ जाता हैं .उदाहरण स्वरुप जब विदेश की भूमि में योग ,योगा बन कर पालम हवाई अड्डे पर आया तो हमने हृदय खोलकर स्वागत किया और फिर देश में योगा की बहार आयी और चल पडी लहर. आज विश्व स्तर पर इसे मान्यता मिल गयी. इसी प्रकार अन्य क्षेत्रों में विदेश से हमको मान्यता मिलती हैं तो हम गौरवान्वित होते हैं और होना भी चाहिए .इस प्रकार हम परप्रशंसा के मोहताज हैं ,यानी हम परजीवी हैं .
इसी प्रकार हम विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर हैं और पहले हम रहे हैं .भारत विश्व गुरु बनसकता हैं पर इंडिया नहीं .क्योकि इंडियन आज भी विदेशों में असभ्य .लड़ाकू गंवार अशिक्षित माने गए हैं और यह कलंक ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की डिक्शनरी में लिखा गया हैं .हमने वर्तमान में विकासशील से विकसित होने की दलहीज पर खड़े हैं .बस कुछ दिनों या वर्षों में यदि कोई विदेशी राजनेता या देश यानी अमेरिका ,ब्रिटेन ,फ्रांस ,चीन जापान या इजराइल तमगा दे दे तो हम विकसित हो जायेंगे .विकसित होने का मतलब देश में स्वास्थ्य ,शिक्षा,सड़कपानी, बिजली, रोजगार, ,व्यापार और आर्थिक उन्नति में सफल हो चुके हैं .यानी परिपूर्ण संतुष्ट हैं .जिनकी कुछ बानगी निम्मानुसार हैं ---
हमारे देश के गौरवशाली प्रान्त गुजरात जहाँ  से प्रत्येक घर से कोई न कोई विदेश में रहता हैं ,उन्नतिशील प्रान्त हैं .जहाँ के गांव अन्य प्रान्त के शहरों से भी अधिक विकसित हैं .आज ही के प्रकाशित समाचार में यह समाचार प्रकाशित हुआ हैं की गुजरात हाई कोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में चपरासी पद के लिए जो चतुर्थ श्रेणी स्तर का पद होता हैं उसके लिए १९ डॉक्टर,के अर्जी दी .७ ने  नौकरी स्वीकारी ,इसी प्रकार ४५० इंजीनियर ,५४३ स्नातक ने भी पानी पिलाने वाले कर्मी की नौकरी स्वीकारी .कुल ११४९ पदों के लिए १,५९,२७८ आवेदन प्राप्त हुए जिनमे ४४९५८ स्नातक डिग्री धारी ने आवेदन दिए .
इसी प्रकार कुछ दिनों पहले स्यालदाह में एक दन्त चिकित्सक महिला ने अनुकम्पा नियुक्ति पर  कुली की नौकरी स्वीकार की.जबकि नेताओं को कोई योग्यता की आवश्यकता नहीं हैं कोई भी पद प्राप्त करने .यहाँ तक वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री राजयपाल मुख्यमंत्री, मंत्री ,अध्यक्ष आदि संवैधानिक पदों पर आसीन हो सकते हैं .यह एक नज़ीर विकसित देश की हैं .विगत पांच वर्षों से तो देश में रोजगार के कोई अवसर नहीं रहे और जो रोजगार थे वे बेरोजगार हो गए. वैसे किसी भी देश में क्रांति मूर्खों,अशिक्षितों से ही आती  हैं .देश में  शिक्षा का स्तर इतना अधिक उच्च हैं की यहाँ किसी को असंतोष नहीं हैं .हमारे देशवासी यथास्थितिवाद में ज्यादा विश्वास रखते हैं .जो हैं जैसा हैं बढ़िया हैं .
दूसरा हमारा देश दूसरे देशों की जानकारी पर विश्वास करता हैं ,पर आज प्रकाशित समाचार में यह बताया गया हैं की भारत में इस साल गिरावट और अधिक रहने की चेतावनी दी हैं .उसके विपरीत संघ प्रमुख का कहना हैं की देश में मंडी नहीं हैं ,इस पर ज्यादा चर्चा की जरुरत नहीं हैं .इस कथन से सरकार और पार्टी की हिम्मत नहीं हैं विरोध करने की और न आई ऍफ़ एम् की रिपोर्ट को मान्य करने की .
यह एक दिन का समाचार नहीं हैं विगत पांच वर्षों में बेरोजगारी की इतनी अमूल्य वर्ष हुई हैं की अब पढ़े लिखे लोगों को स्वीपर चपरासी जैसे महत्वपूर्ण पदों से सुशोभित किया जा रहा हैं .यानी अशिक्षित बेरोजगार हमारे देश में नहीं हैं और वे बेचारे कम से कम मेंहनत मजूरी कर अपना भरण पोषण तो कर लेते हैं .पढ़े लिखे न घर का घाट  के .
यदि पढ़े लिखे लोगों को इसी रफ़्तार से निम्म स्तर के पदों पर नौकरी पर रखा जायेगा तो उनसे कार्य में गुणवत्ता आएगी और सरकार को आर्थिक बोझ नहीं सहन करना पड़ेगा .इससे देश का गौरव /मान /इज़्ज़त बढ़ेगी .
हमारे प्रमुखों की इज़्ज़त में इज़ाफ़ा होना चाहिए .उससे देशवसियों का सीना भी चौड़ा होता हैं .
अस्मत लुटा कर बैठी हैं, एक लड़की अपने कोठे पर ,
मुझे ख्याल आता हैं कि कितनी ताकत होती हैं एक रोटी में .
ये मत पूछो उनसे जिन्होंने डिग्री ली हैं, समय धन खरच करके
उन्हें तो बस खुश होना चाहिए अपने नसीब पर, कि चलो कुछ तो मिला
सब कुछ हमारे देश में रोटी नहीं तो क्या ?
वादा लपेट लो लंगोटी नहीं तो क्या ?
हमारा लक्ष्य विकास हैं और विकास के लिए सब कुर्बान हैं
जंगल जानवर मानव प्रकति कि क्या अहमियत ,
हमें चाहिए देश का नाम सर्वोच्च शिखर पर
*डॉ अरविन्द प्रेमचंद जैन ,संरक्षक शाकाहार परिषद् ,A2 /104  पेसिफिक ब्लू ,नियर   डी  मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल,मो 9425006753








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