Subscribe Us

होश में गो मैं नहीं हूँ एक पैमाने के बाद (गजल)






*बलजीत सिंह बेनाम*
चाँद सा चेहरा था आया चाँद छुप जाने के बाद
चैन से क्या सो सका वो मुझको तड़पाने के बाद


तुम किसी भी बात पर टिक ही नहीं सकते हो क्या
लौट आए फिर जहां में इसको ठुकराने के बाद


अब शराफ़त की ज़ुबां कोई समझता ही नहीं
हाथ मेरा उठ गया था उसको समझाने के बाद


चल पड़े कितने मुसाफ़िर रोज़ ही घर से मगर
मिल गई क्या सबको मंज़िल ठोकरें खाने के बाद


चाहता हूँ आँख से मैं उम्र भर पीता रहूँ
होश में गो मैं नहीं हूँ एक पैमाने के बाद


*बलजीत सिंह बेनाम,103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी,हाँसी:125033,मो-9996266210







शब्द प्रवाह में प्रकाशित आलेख/रचना/समाचार पर आपकी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया का स्वागत है-


अपने विचार भेजने के लिए मेल करे- shabdpravah.ujjain@gmail.com


या whatsapp करे 09406649733



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ