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गिद्धों की घुसपैठ (कविता)











*संजय सिंह बैस*


गिद्धों की घुसपैठ से


अजीब सन्नाटा  पसरा हुआ है गांव में


लाशों का कतार लगने वाली भय


सताए जा रही


आसमां से गांव का मुआयना कराया जा रहा


गिद्ध गांव को नोचने के लिए


आंख गड़ाए


ज़मीन को ललचाई नजरों से देख रहे


देखते ही देखते 


गांव लाशों में तब्दील हो गया


गिद्ध अब आसमां में  नहीं मंडरा रहे


ज़मीन पर लाशों का चिथड़ा-चिथड़ा कर 


गांव में घुसपैठ कर


अपनी जीत का जश्न ...


*संजय सिंह बैस,ग्राम -मझिगवां, पोस्ट-लमसरई,जिला-सिंगरौली , मध्यप्रदेश












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