*हमीद कानपुरी*
नया एंगिल नया आयाम गाँधी।
हमारे मुल्क को इन्आम गाँधी।
बुराई से रहे लड़ते हमेशा,
मुहब्बत का खुला पैगाम गाँधी।
भुलासकता नहीं सदियों ज़माना,
जहां में कर गये वो काम गाँधी।
अहिंसालफ़्ज़ जबआया कहींतो,
ज़बां पर आ गया है नाम गाँधी।
किसी से तुम करो बर्ताव कैसा,
सिखाते थे हमें हर गाम गाँधी।
कहीं कुछ ठानकर आगे बढ़ेजब,
नहीं हरगिज़ रहे नाकाम गाँधी।
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एक अच्छा विचार हैं गाँधी।
सत अहिंसा का सार हैं गाँधी।
उनके दम से हरा भरा भारत,
इस चमन की बहार है गाँधी।
बद सियासत के पारजा देखो,
मुल्क भर का वक़ार हैं गाँधी।
नफ़रतों के महल गिराने को,
आज भी बे क़रार हैं गाँधी।
युद्ध उन्माद हर परे रखिये,
कह रहे बार बार हैं गाँधी।
*हमीद कानपुरी,179,मीरपुर , कैण्ट,कानपुर- 208004,मो.9795772415
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