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दीपों का आगाज (कविता)









*डॉ साधना गुप्ता*


जगमग दीपों का आगाज 
लाया पावन नव  साकर 

जीवन बाधाओं का नाम 

लड़ना हर दम,दम साध 

गहराए कितनी ही रात 

हमको करना उसे प्रकाश 

ना करना कुछ सोच विचार 

तनकर तम को दे हम टाल 

है जीवन का यह सार 

कर दो जन मन मे प्रकाश 

ना कोई मन रहे उदास  

सबके मन भर दे हम आस ।

 

*डॉ साधना गुप्ता मो. 9530350325 


 













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