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भाई दूज अभिनंदनम्


















खुशहाली लेकर बहन,पहुंची पीहर आज।

यादों में बचपन खिला,मधुरिम स्वर,लय,साज़।।

करती मंगलकामना ,तिलक लगाकर माथ।

बहन दे रही है दुआ,हर्ष सौंपती हाथ।।

नेह थिरकता कह रहा,हर पल हो शुभगान।

भाई भी भावुक हुआ,भावों का है मान ।।

 

*प्रो.शरद नारायण खरे,मंडला(मप्र) मो.9425484382










 













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