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बेवजह वजह (कविता)











*मीना अरोड़ा*


तुम्हारे पास हमेशा


कुछ न कुछ


वजह रही है


साथ ना निभाने की


मुझे तुम्हारी 


हर वजह 


बेवजह सी जान पड़ती हैं


कभी एक पल को


अपनी सारी वजहों को


एक किनारे रख


मेरे करीब आकर बैठो


और सोचो कि


तुम्हारे मेरे बीच बहता


हर लम्हा हर पल


कितना हसीन है


उस वक्त को मेरी


नजरों से देखो


वो हमारे करीब होने की


खुशी में कितना खुश हैं


चहचहा रहा है


मिलन के गीत गा रहा है


उस एक पल में


तुम और मैं


जी लेते हैं


वो पूरी जिंदगी


जिसे हम किसी के


साथ सारी उम्र


रहकर भी


नहीं जी पाते


सुनो,उस एक पल


को ही साथ निभाना


कहते हैं


बस एक बार


किसी भी वजह को


रहने दो


क्योंकि मुझे


तुम्हारी हर वजह


बेवजह सी लगती है।।


*मीना अरोड़ा,उत्तराखंड












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