-बलजीत सिंह
किसी समारोह या सफर में जब दोस्त इकट्ठे होते हैं , वहां सभी के चेहरों पर मुस्कान होती हैं । वे आपस में एक -दूसरे से बातें करते हैं ,कानों में कुछ कहते हैं , फिर जोर से खिलखिलाकर हंस देते हैं । ऐसे समय में दिल की बात जुबान पर आती है , जिसके कारण सभी आपस में ठठोली करने लगते हैं ।
हंसी -मजाक की वे बातें , जो हमारे मन को उत्साहित करती है , उसे ठठोली कहते हैं । इससे सुनने वाले व सुनाने वाले को आनन्द मिलता है , मन खुशी से झूम उठता है और इससे तन की थकान भी दूर होती है ।
शादी के अवसर पर दूल्ला हमेशा टोपी पहनता है । उस टोपी को जब कोई बच्चा पहन लेता है , उसे देखकर कोई नहीं हंसता । अगर उसी टोपी को कोई बूढ़ा व्यक्ति पहन लें , सभी उसकी हंसी उड़ाने लगेंगे , क्योंकि उस बूढ़े व्यक्ति के टोपी पहनने का अवसर निकल चुका है । इसलिए जिस चीज का अवसर निकल जाता है , उसको करने से भी व्यक्ति हंसी का पात्र बनता है ।
बालों की सुंदरता के लिए जब कोई प्रतियोगिता होती है , उसमें बच्चे ,बूढ़े और जवान सभी भाग ले सकते हैं । अगर उस प्रतियोगिता में कोई गंजा व्यक्ति भाग लेने आ जाए , उसे देखकर सभी हंसने लगेंगे , क्योंकि उसमें प्रतियोगिता में शामिल होने की क्षमता नहीं है । जिस व्यक्ति में किसी कार्य को करने की क्षमता नहीं है ,उस काम को करने से सभी उसका मजाक उड़ाते हैं ।
फूल हमेशा समूह में ही सुंदर लगता है । जब वह रंग-बिरंगे फूलों के बीच खिलता है , उसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है । अगर किसी फूल को एक कोने में उगाया जाए , वह उतना सुंदर दिखाई नहीं देगा । इसी प्रकार हंसी -मजाक भी यार -दोस्तों के समूह में अच्छा लगता है । अकेला व्यक्ति किसी के साथ हंसी -मजाक नहीं कर सकता ।
केला और आम दोनों ही फल मीठे होते हैं । केले को खाते समय उस पर नमक लगाया जाता है ,परंतु आम को खाते समय उस पर नमक नहीं लगाया जाता । इन दोनों फलों के खाने का स्वाद अलग -अलग होता है । इसी प्रकार जब हम परिजनों के बीच होते हैं , वहां मर्यादा में रहकर हंसी -मजाक किए जाते हैं । परंतु जब दोस्तों के साथ होते हैं , वहां पर कुछ अलग तरह के हंसी - मजाक भी चल सकते हैं ।
कभी -कभी अंधेरे में हम अपनी कमीज़ उल्टी भी पहन लेते हैं , उसका पता हमें बाहर निकलने के बाद चलता है । ऐसी स्थिति में हम हंसी -मजाक का कारण बन सकते हैं । परंतु पांव में पहनने वाली जुराब को उल्टा पहन लें , वह किसी को दिखाई नहीं देगी । इसी प्रकार अच्छे व्यक्ति की एक ही गलती दूर से नजर आ जाती है , परंतु दुष्ट व्यक्ति की गलती किसी को नजर नहीं आती ।
विवाह के अवसर पर दूल्हा पक्ष के लोगों को जो गालियां दी जाती है , वे सभी को अच्छी लगती है । कोई भी उन गालियों से नाराज नहीं होता , क्योंकि उनके अंदर हंसी-मजाक होता है । ऐसे -ऐसे अवसरों पर ,गालियों पर तालियां भी बजाई जाती है ।
शंख बजाने के लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है । अगर अनजान व्यक्ति गलती से शंख बजाने लग जाए , उसकी आवाज को सुनकर लोग हंसने लगेंगे । शंख बजाना मुश्किल होता है , परंतु ढोल बजाना आसान है । लोग मुश्किल कामों पर ही हंसी- मजाक करते हैं ,परंतु आसान काम पर नहीं ।
कभी-कभी कोई स्वादिष्ट फल हमें खाने को मिल जाए , वह हमारे लिए यादगार बन जाता है । उस फल की मिठास को हम भूल नहीं सकते । इसी प्रकार सफर चाहे कितना भी लंबा हो , जब उसमें बातचीत और हंसी -मजाक करने वाले मिल जाते हैं ,वह आसान होने के साथ-साथ यादगार भी बन जाता है ।
विश्राम करने से व्यक्ति की शारीरिक थकान अवश्य दूर होती है , परंतु मानसिक थकान को दूर करने के लिए हंसी-मजाक का विशेष महत्व है ।
-बलजीत सिंह
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