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कुछ लोग(कविता)


कुछ लोग बहुत अच्छे होते हैं


काफ़ी अच्छे।


उनका दिल होता है


दर्पण की तरह उजला


स्वच्छ, निर्मल और कोमल,


उनकी स्वाभविक हंसी


सबको अपना बना लेती है,


उनकी भली मुस्कान


सबको प्रेम-प्रसादी बांटती है।


उन अच्छे लोगों के


अच्छेपन के कई कारण है –


उनकी मेहनत, लगन, संघर्ष और


जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण,


वे लोग मेहनत को भगवान और


कार्य को पूजा मानते है


उनकी लगन देखते ही बनती है


यदि कुछ कर लेने की ठान लेते है


तो


कर गुजरते है।


संघर्ष


हां संघर्ष ही तो है उनका


अमोघ अस्त्र


यही तो है वह ज्वाला


जिसमें तपकर


वे सोने से कुन्दन हो जाते है।


वे लोग


मुश्किलों से डरना तो जानते ही नही है,


सच में


हौंसलों के हिमालय होते है वे लोग,


वे दिल दहला देने वाली


परिस्थितियों को भी


हंसते हंसते झेल लेते है।


वे लोग


उजाले बांटा करते है,


दीपक की तरह


आदर्श उपस्थित करते है,


'अप्प दीपो भव' की संस्कृति के


पहरुए


वे लोग ही तो होते है।


जीवन को विधाता का


अनमोल उपहार मानकर


उसे पूरी तरह जीते है,


उन्हे जीवन के सत्य का पता होता है


तभी तो


दिलों में जगह बनाना


उनका ध्येय होता है,


प्यार और खुशी लुटाकर


सच्चे बादशाह


सिद्ध होते है वे लोग।


पृथ्वी को स्वर्ग तुल्य बनाने में


ऐसे लोग ही आधार स्तम्भ होते हैं,


या इसे यों भी कहा जा सकता है


कि


पृथ्वी पर अच्छाई


ऐसे अच्छे लोगों के कारण ही विद्यमान है।


लोभ, लालच, स्वार्थ


और विचारों की संकीर्णता


उन्हे छू तक नही पाती,


दोस्ती की कद्र करना


जानते है वे लोग,


आधुनिक परिवेश में रहते हुए भी


अपने संस्कारों की


जमीन से जुड़े होते है वे लोग।


*प्रमोद भंडारी “पार्थ”मुम्बई


 


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