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डॉ. विनय कुमार पाठक पर पीएचडी



बिलासपुर । छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार पाठक प्रख्यात समीक्षक व भाषाविद के साहित्य -विमर्श -विषयक योगदान पर पूर्णिमा पौरवाल को विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन (म. प्र.) ने डाॅक्टरेट की उपाधि प्रदान कर दी है। डॉ. पूर्णिमा पौरवाल ने यह शोध उपाधि डॉ. सी. एल. वर्मा प्राध्यापक रतलाम एवं डॉ. शैलेंद्र शर्मा कुलानुशासक एवं विभागाध्यक्ष विक्रम विश्वविद्यालय के निर्देशन में  प्राप्त किया। उल्लेखनीय है कि हिन्दी के जितने प्रमुख समकालीन साहित्य विमर्श हैं उन पर महत्वपूर्ण स्थापना के कारण डॉ. पाठक देश के विशिष्ट विवेचक प्रमाणित हुए हैं। इस तरह डॉ. पाठक के योगदान पर केंद्रित यह नौवाँ शोधप्रबंध है, जिसपर डाॅक्टरेट की उपाधि प्रदान की गयी है। ज्ञात हो कि हिन्दी और भाषा विज्ञान में पी- एच. डी. व डी.लिट.की दोहरी उपाधि प्राप्त कर जहाँ डॉ. पाठक ने अकादमिक दृष्टि से अखिल भारतीय स्तर पर कीर्तिमान स्थापित किया है, वहीं इनके निर्देशन में 63 लोगों ने पी- एच .डी. की उपाधि अर्जित की है। 



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