डॉ. दिलीप धींग की पुस्तक ‘समय के अश्व’ का विमोचन
चेन्नई। हिंदी व राजस्थानी के कवि डॉ. दिलीप धींग की छठी काव्यकृति ‘समय के अश्व’ का विमोचन 16 नवम्बर, रविवार सुबह टी. नगर, बर्किट रोड़ स्थित जैन स्थानक में डॉ. समकितमुनि के सान्निध्य में हुआ। श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन एजुकेशनल सोसायटी के महासचिव अभय श्रीश्रीमाल जैन, श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन संघ, मांबलम के अध्यक्ष डॉ. उत्तमचंद गोठी एवं ‘चंदन तिलक’ (साप्ताहिक) के संपादक डॉ. पारस संचेती ने विमोचन किया। श्रीश्रीमाल ने पहली प्रति समकितमुनि को भेंट की।
मुनि ने कहा कि डॉ. धींग समाज के विद्वत् रत्न हैं। ये अपने प्रभावी लेखन और कविताओं से समाज को जगाते रहते हैं। श्रीश्रीमाल ने कहा कि बहुत कम विद्वान हैं, जो डॉ. धींग की तरह विविध विषयों पर अनेक विधाओं में लिखते हैं, और निरंतर लिखते हैं। पुस्तक प्रकाशन और विमोचन को एक सुअवसर मानते हुए उन्होंने डॉ. धींग का साहित्य पढ़ने की प्रेरणा दी। अध्यक्ष डॉ. गोठी ने कहा कि डॉ. दिलीप धींग के साहित्य में एकता व समन्वय के स्वर गूंजते हैं।
डॉ. दिलीप धींग ने विमोचित पुस्तक ‘समय के अश्व’ की दो कविताएँ सुनाई। उन्होंने मांबलम जैन संघ एवं अभुषा फाउंडेशन का आभार जताया और बताया कि 140 पृष्ठीय इस पुस्तक में 144 कविताएँ हैं, जो 101 शीर्षकों में वर्गीकृत हैं। कार्यक्रम का संचालन मंत्री महेन्द्र गादिया ने किया। समारोह में भवांतमुनि और जयवंतमुनि के अतिरिक्त बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएँ उपस्थित थे।


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