म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

म.प्र. लेखक संघ द्वारा विविध रंग गोष्ठी का आयोजन

म.प्र. लेखक संघ द्वारा विविध रंग गोष्ठी का आयोजन

भोपाल। मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा विश्वरंग के अनुषंग - विविध रंग के रूप में गद्य एवं पद्य के विविध विधाओं से सजी गोष्ठी दुष्यन्त संग्रहालय, शिवाजी नगर, भोपाल में प्रो. प्रभु शंकर शुक्ला, वरिष्ठ साहित्यकार हरदा के मुख्य आतिथ्य, श्रीमती ममता तिवारी के सारस्वत आतिथ्य, डॉ. राम वल्लभ आचार्य के विशिष्ट आतिथ्य एवं मध्यप्रदेश लेखक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राजेन्द्र गट्टानी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

गोष्ठी में ख्यातिलब्ध गीतकार ममता वाजपेयी, धर्मेंद्र सोलंकी एवं प्रार्थना पंडित ने अपने सुमधुर गीतों से जहाँ समाँ बाँध दिया वहीं चित्रांश खरे, मनस्वी अपर्णा ने अपनी ग़ज़लों से कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ दीं। मध्यप्रदेश लेखक संघ के प्रांतीय मंत्री मनीष बादल की इस शेर ने ध्यान खींचा, "मिडिल ये क्लास है 'बादल' मगर जज़्बा गजब का है, हराता मुश्किलों को है जो आतीं आज़माने को"। 

नवगीतकार डॉ. नीलिमा रंजन एवं दीपक पगारे ने अपने नवगीतों से श्रोताओं को चिंतन की गहराइयों में उतारा। डॉ. लता अग्रवाल की कहानी, मुज़फ़्फ़र इक़बाल सिद्दीक़ी के की दो लघुकथाएँ बहुत सराही गयीं। कुमार सुरेश एवं अशोक व्यास के व्यंग्य ने बहुत गुदगुदाया। कोषाध्यक्ष सुनील चतुर्वेदी ने पैरोडी सुनाई वहीं डॉ रामवल्लभ आचार्य ने गीत सुनाया। प्रो प्रेम शंकर शुक्ला ने कहा कि विधा कोई भी हो गीत, ग़ज़ल, कविता, कहानी या व्यंग्य व्यापक अर्थ में इन सभी को सृजन करने वाला साहित्यकार होता है। उन्होंने मध्यप्रदेश लेखक संघ को विविध रंग आयोजन के लिए बधाई देते हुए आपने अनेक साहित्यिक वृतांत सुनाए। 

कार्यक्रम की सारस्वत अतिथि श्रीमती ममता तिवारी ने विश्वरंग के अन्तर्गत इस आयोजन की सराहना करते हुए विश्वरंग निदेशक संतोष चौबे को इस वैश्विक आयोजन में साहित्यिक संस्थाओं को सहभागी बनाने हेतु धन्यवाद दिया एवं रचना सुनाई। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं आभार ज्ञापन अध्यक्ष राजेंद्र गट्टानी ने किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ