राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में एक भव्य हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में देश के जाने-माने कवि श्री पंकज शर्मा, श्री ओम प्रकाश कल्याणे, श्री प्रवीण आर्य एवं डॉ गणेश शंकर श्रीवास्तव 'ऋषि' ने अपनी शानदार कविताएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। वरिष्ठ कवि डॉ. प्रवीण आर्य ने सुनाया:
मैं उजाला दीप का हूं,
दीप बन तिल तिल जला हूं।
आंधियों की गोद में, अंधियार पी पी कर पला हूँ।।
लोकप्रिय कवि पंकज शर्मा ने अपनी प्रसिद्ध कविता 'मुझसे मिलने आओगी क्या' सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया, उन्होंने सुनाया:
फकीरी जिंदगानी है
फकत इतनी कहानी है
जिसे दरिया समझते हो
मेरी आँखों का पानी है
देश के जाने-माने हास्य कवि श्री ओमप्रकाश कल्याणे ने अपनी हास्य रचनाओं से सभी को लोटपोट कर दिया, उन्होंने सुनाया:
फक्कडो के हम तो ठहरे डोन पर,
ज़िन्दगी बस कट रही है लोन पर,
चार दिन क्या खाईं महंगी सब्जियां,
धमकियां मिलने लगी हैं फोन पर।
संवेदनशील कवि डॉ गणेश शंकर श्रीवास्तव 'ऋषि' ने गीत और दोहे सुनकर समाँ बांध दिया। उनकी प्रसिद्ध रचना 'सनातन' सुनकर श्रोता झूम उठे। उन्होंने सुनाया:
तुमने मुझसे जब किया, अपनों सा संवाद।
ऊसर धरती को मिली, उर्वरता की खाद।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. मोनिका सैनी ने किया. कार्यक्रम में संस्थान के डीन प्रोफेसर विजय कुमार तिवारी, प्रोफेसर अंकुर यादव, प्रोफेसर राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।


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