Subscribe Us

रुखसाना सिद्दीकी की पुस्तक ‘एक प्याली चाय’ का हुआ विमोचन

म.प्र.लेखक संघ का 321वाँ साहित्यिक भव्य अनुष्ठान हुआ


टीकमगढ़। नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की के बेनर तले अपूर्व होटल में डाॅ. रुखसाना सिद्दीकी के कहानी संग्रह ‘एक प्याली चाय’ का भव्य विमोचन समारोह आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता पूर्व अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा जबलपुर संभाग जबलुपर डाॅ. के.एल जैन साहब (डी.लिट्.) ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व वाणिज्य कर अधिकारी एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामसेवक शक्यवार जी (ग्वालियर) एवं विषिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कहानीकार श्रीमती शोभा शर्मा जी (छतरपुर),शायर हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र’साहब एवं डाॅ.सुनील श्रीवास्तव जी(प्राचार्य, उत्कृष्ट उ.मा.विद्यालय क्रं.-1 टीकमगढ़) रहे।

गोष्ठी की शुरूआत सरस्वती पूजन दीप प्रज्ज्वलन के बाद वीरेन्द्र चंसोरिया ने सरस्वती बंदना पढ़ी एवं शायर कारी अखलाक ने नात पढ़ी। अतिथियों द्वारा डाॅ. रूखसाना सिद्दीकी की तीसरी कृति ‘एक प्याली चाय’ कहानी संग्रह का विमोचन किया गया। पुस्तक की समीक्षा आर.एस. शाक्यवार, शोभा शर्मा एवं एन. डी. सोनी द्वारा पढ़़ी गयी। इस अवसर पर संचालन करते हुए कार्यक्रम के सूत्रधार कवि राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बताया कि डाॅ. रूखसाना सिद्दीकी की चार कहानियों का काव्यरूपान्तरण ग्वालियर के आर.एस. शाक्यवार द्वारा किया गया है जो कि साहित्य के क्षेत्र एक नया प्रयोग है। उन्होंने यह कृति अपनी बहन अखतरी बेगम को समिर्पित की है। 


समारोह की अध्यक्षता कर रहे डाॅ. के.एल जैन साहब ने अपने उद्बोधन में कहा कि- ‘मनुष्य को जिन्दगी में ऐसा काम करना चाहिए कि लोग उन्हें पढ़े और सदा उनके कामों को याद करें’। मुख्य अतिथि आर.एस.शाक्यवार ने कहा कि- डाॅ. रुखसाना सिद्दीकी ने अपनी कहानियों के माध्यम से नारी पीड़ा और व्यक्त किया है और उन्हें समाज में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। विशिष्ट अतिथि छतरपुर की श्रीमती शोभा शर्मा ने कहा कि -‘डाॅ.सिद्दीकी की कहानियों मन को छू जाती है उनमें मानवीय संवेदनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति है। 

विशिष्ट अतिथि हाजी जफ़रउल्ला खा ‘ज़फ़र ने ग़जलों के माध्यम से अपने विचार प्रकट किये तो वही विशिष्ट अतिथि डाॅ. सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि मैडम डाॅ.सिद्दीकी बहुत कर्मठ एवं लगनशील है उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी अपना लेखक जारी रखा है। सभी अथितियों को शाल एवं स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया गया। अंत में सभी का आभार श्रीमती रजनी जैन प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर नज़रबाग ने किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ