राष्ट्रभक्ति है मनुष्य का नैसर्गिकगुण : पं. राजौरिया
भोपाल । "राष्ट्र भक्ति मनुष्य का नैसर्गिक गुण है । वेदों में भी "वयं राष्ट्रे जाग्रयामः पुरहितः" जैसे अनेक राष्ट्र संबंधी सूक्त मिलते हैं ।" यह कहना था श्री परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पं. विष्णु राजौरिया का जो मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वीर रस/ राष्ट्र भक्ति आधारित प्रादेशिक गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे । आपने कहा कि वेद मंत्रों, पुराणों और शास्त्रों का आधार छंद हैं, जिनके कारण कविता श्रोता के मन मस्तिष्क पर विशिष्ट प्रभाव छोड़ती है और स्मृति में बनी रहती है अतः कविता में छंदानुशासन पर विशेष ध्यान देना चाहिये । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. रामवल्लभ आचार्य ने कहा कि पूर्ववर्ती रचनाकारों की नकल नहीं करके नये विचार या भावबोध को आधार बनाकर लिखी गयी रचना अधिक प्रभाव छोड़ती है । आपने अपनी रचना "हर तरफ व्यूह फैले हैं षड़यंत्र के, और हम गा रहे गीत गणतंत्र के" पढ़कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र गट्टानी ने कहा कि संघ की विभिन्न विधागत गोष्ठियों का उद्देश्य रचनाकारों का मार्गदर्शन कर उन्हें उत्कृष्टता की ओर उन्मुख करना है । आपने अपनी रचना - "भारत मां के सबल पुत्र ने जब से शीर्ष संभाला है, सकल विश्व में दिखता है अब हमको मान तिरंगे का" सुनाई ।
ऋषि श्रृंगारी ने मधुर कंठ से अपने गीत - "जन-जन का मान तिरंगा है" पढ़कर वाहवाही लूटी । अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने - "उठो उठो अमर जवानों बोलो अपनी बोली रे" का पाठ किया । प्रेमचंद गुप्ता की रचना - "निद्रा टूटे तंद्रा छूटे ऐसा नया जागरण लायें, कुछ ऐसा गणतंत्र मनायें" तथा मनीराम शर्मा दतिया की रचना "कलम धन्य हो जाती है जब लिखे राष्ट्र आराधना" बेहद पसंद की गयीं । कमल किशोर दुबे की रचना
"कभी अन्याय के आगे नआंखें मीँच लेंगे हम" तथा सूर्य प्रकाश अस्थाना की रचना " बनकर मेरी आंखों में बसी रहती है, दूर प्रदेश में भी मेरे वतन की खुशबू" पढ़कर समां बाँध दिया । गोष्ठी में डॉ मनोरमा उपाध्याय खंडवा, परमलाल परम चंदेरी, राजकुमारी चौकसे, कांति श्रीवास्तव, पंकज पराग ने भी काव्य पाठ किया । कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ में हुआ । स्वागत उद्बोधन संस्था के उपाध्यक्ष ऋषि श्रृंगारी ने दिया । संचालन मनीष बादल एवं डॉ प्रार्थना पंडित ने किया ।अतिथियों का पुष्पहार से स्वागत और आभार प्रदर्शन संस्था के समन्वयक अशोक निर्मल ने किया ।
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